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मेरे भी हालत सुनो फिर कुछ कहना / वीरेन्द्र खरे अकेला
Kavita Kosh से
मेरे भी हालात सुनो फिर कुछ कहना
पहले पूरी बात सुनो फिर कुछ कहना
माँ ने सिखलाया है कि दुश्मन की भी
कम से कम सौ बात सुनो फिर कुछ कहना
नव लेखन पर इतनी तीखी टिप्पणियाँ
मेरे चंद क़तात सुनो फिर कुछ कहना
गर तुम तड़पे हो तो मैं भी रोया हूँ
सारी सारी रात सुनो फिर कुछ कहना
सारा दोष हमारे सर मढ़ने वालो
उनके भी उत्पात सुनो फिर कुछ कहना