मेरे मन भैया राम कहौ रे / दादू दयाल

मेरे मन भैया राम कहौ रे॥टेक॥
रामनाम मोहि सहजि सुनावै।

उनहिं चरन मन कीन रहौ रे ॥१॥
रामनाम ले संत सुहावै।
कोई कहै सब सीस सहौ रे॥२॥

वाहीसों मन जोरे राखौ।
नीकै रासि लिये निबहौ रे॥३॥

कहत सुनत तेरौ कछू न जावे।
पाप निछेदन सोई लहौ रे॥४॥

दादू जन हरि-गुण गाओ।
कालहि जालहि फेरि दहौ रे॥५॥

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