भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मेरे रक्त के कई रिश्तेदार हैं / येहूदा आमिखाई
Kavita Kosh से
|
मेरे रक्त के कई रिश्तेदार हैं
जो कभी मिलने-जुलने नहीं आते इससे
लेकिन जब वे मरते हैं
मेरा रक्त उन्हें उत्तराधिकार में पा लेता है।
हिब्रू से हरोल्ड शिमेल के अंग्रेज़ी अनुवाद के आधार पर रमण सिन्हा द्वारा हिन्दी में भाषान्तर