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मेरे लोग / लैंग्स्टन ह्यूज़ / अमर नदीम
Kavita Kosh से
रात ख़ूबसूरत है
उतने ही ख़ूबसूरत हैं चेहरे मेरे लोगों के ।
तारे ख़ूबसूरत हैं
उतनी ही ख़ूबसूरत हैं आँखें मेरे लोगों की ।
ख़ूबसूरत है सूरज भी
ख़ूबसूरत हैं, आत्माएँ भी मेरे लोगों की ।
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अमर नदीम
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लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
Langston Hughes
My People
The night is beautiful,
So the faces of my people.
The stars are beautiful,
So the eyes of my people.
Beautiful, also, is the sun.
Beautiful, also, are the souls of my people.