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मेहनतकश किसान पूरा / रणवीर सिंह दहिया
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मेहनतकश किसान पूरा, के दिखूं थामनै जमूरा, फते सिंह और कपूरा, समझूं सूं थारी बाताँ नै।
जुमल्याँ की बात राहण दे,
तीनों कानून उल्टे जाण दे,
मतना लावै भीतरी घात, क्यों कराओ घणा उत्पात, संघर्ष होरया दिन रात, देख बढ़ती म्हारी पातां नै॥
दिल्ली हमनै सै घेर लई,
तमनै मूंह क्यों फेर लई,
जुल्मी थारी सै सरकार, करै या घणे अत्याचार, भरी किसानों नै हुंकार, यो बाँधैगा थारे हाथां नै॥
हम आन डटे सां जंग मैं,
हम रंग रे सां एक रंग मैं,
संघर्ष जिन्दाबाद म्हरा, थारे पै निशाने लाऱया, शिखर पै चढ़ता जारया, छोड़ गोत नात जातयाँ नै॥
दिल्ली की ईंट-ईंट बोलै,
किसानी चौगिरदें कै डोलै,
इंकलाब जिंदाबाद नारा, पूरी जनता नै भारया, इतिहास बनता आरया, रणबीर सिंह के खात्याँ मैं॥