मैंने नील पक्षियों को गाते सुना
मैंने वहाँ पीली हरियाली देखी, जहाँ उसने अब
मजनूं के पेड़ों को ढँक लिया था
मैंने चिरंतन घास को ऊपर निकलते देखा
समुद्रतट पर सूर्य का प्रकाश - मैंने जहाजों से सुसज्जित
दूर के नगर में फहराती हुई पताकाएँ देखी
मैंने जहाजों पर रंगों का समारोही मेला देखा
मैं उत्सव और भोज के विषय में जानता था
-तब मैंने इससे मुँह मोड़ लिया और अज्ञात
मृत लोगों के विषय में सोचने लगा
मैं अनुल्लिखितों के विषय में,रमणीय और सुकोमल
युद्ध वीरों, युवा लोगों,
लौट कर आने वालों के विषय में सोचने लगा।
किन्तु कहाँ थे नहीं लौट कर आने वाले
मैं नहीं लौटने वालों, माताओं के पुत्रों के बारे में सोचने लगा
अंग्रेज़ी से अनुवाद : डॉ० दिनेश्वर प्रसाद