मैं अंको के जादू पर क्यों मोहित हूँ / हालीना पोस्वियातोव्स्का

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अंकों के जादू पर क्यों मोहित हूँ मैं ?

अंकों से आँक सकती हूँ मैं अनंत और अपार
अपनी यह उदासी और अपना प्यार

अंकों से बाँध सकती हूँ मैं उसे
ताकि दिन मेरे फिसलें वैसे ही
जैसे हीरे पर फिसलती है धूप

ताकि जीवन चले वैसे ही चुपचाप
औ’ उदासी की उस पर पड़े न कोई छाप ।

रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय

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