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मैं अलबेली गुदाय आई गुदना / अवधी
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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मैं अलबेली गुदाय आई गुदना
मैं जो गई पानी भरने संग गए अपना
टूट गयी रस्सी लटक गये अपना
मैं अलबेली...
मैं जो गई रोटी करने संग गए अपना
फूल गई रोटी पिचक गए अपना
मैं अलबेली...
मैं जो गई छोटी करने संग आये अपना
टूट गई कंघी चटक गए अपना
मैं अलबेली...