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मैं और तुम - 2 / मनीष मूंदड़ा

मेरा निश्चय
तुम्हारी दृढ़ता
मेरा त्याग
तुम्हारी प्रगाढ़ता
मेरा स्वाभिमान
तुम्हारी सृजनता
मेरा विवेक
तुम्हारी अटलता
मेरा विस्तार
तुम्हारी सुक्ष्मता
मेरा अल्हड़पन
तुम्हारी परिपक्वता