मैं किसी के लिए नहीं लिखता --
हवाएँ जो यहाँ-वहाँ भटकती हैं उनके लिए,
बारिश जो रोती है उसके लिए,
मेरे गीत आँधी की तरह हैं,
जो बड़बड़ाते हुए चल देते हैं
शरत्काल के अँधेरे में
और बात करते हैं धरा से
रात से और बारिश से.
(मूल स्वीडिश से अनुवाद : अनुपमा पाठक)