Last modified on 16 दिसम्बर 2013, at 11:39

मैं जहाँ रहता था / मिथिलेश कुमार राय

मैं जहां रहता था
वहां की लडकियां गाना गाती थीं
आपस में बात करती हुईं वे
इतनी जोर से हंस पडती थीं
कि दाना चुगती हुई चिडियां फुर्र से उड जाती थीं
और उन्हें पता भी नहीं चलता था

मैं जहां रहता हूं
यहां का मौसम ज्यादा सुहावना है
लेकिन लडकियां कोई गीत क्यों नहीं गातीं
ये आपस में बुदबुदाकर क्यों बात करती हैं
किससे किया है इन्होंने न मुसकुराने का वादा
और इतने चुपके से चलने का अभ्यास किसने करवाया है इनसे
कि ये गुजर जाती हैं
और दाना चुगती हुई चिडियां जान भी नहीं पाती हैं