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मैं तड़पती हूँ उसके लिए / हब्बा ख़ातून / शाहिद अंसारी
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मेरा प्यार
जिसने मेरे रोम-रोम को
सुलगा रखा है।
उसने दीवार के ऊपर से
मुझ पर एक नज़र डाली,
मैं पहनाऊँगी उसे
शहतोश की शाल,
किस बात पर वह रूठा है ?
मैं बहुत देर से तड़प रही हूँ ।
उसने दरवाज़े से झाँका,
भला किसने उसे मेरे घर का रास्ता दिखाया,
मेरे शरीर का हर हिस्सा मचल रहा है,
मैं बहुत देर से तड़प रही हूँ ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : शाहिद अंसारी