मैं तुझे प्यार भी करता हूँ बहुत
कुछ मगर कहने में डर भी आये
तेरे औसाफ़ पे मरता हूँ बहुत
मैं तुझे प्यार भी करता हूँ बहुत
तेरी यादों से गुज़रता हूँ बहुत
मेरी पलकों पे गुहर भी आये
मैं तुझे प्यार भी करता हूँ बहुत
कुछ मगर कहने में डर भी आये।
मैं तुझे प्यार भी करता हूँ बहुत
कुछ मगर कहने में डर भी आये
तेरे औसाफ़ पे मरता हूँ बहुत
मैं तुझे प्यार भी करता हूँ बहुत
तेरी यादों से गुज़रता हूँ बहुत
मेरी पलकों पे गुहर भी आये
मैं तुझे प्यार भी करता हूँ बहुत
कुछ मगर कहने में डर भी आये।