मैं तुम्हारे बारे में लिखना चाहती हूँ
तिरछी बाड़ फुसफुसाती है तुम्हारा नाम
तुम्हारे होठों के बारे में लिखना चाहती हूँ --
बर्फ़बारी में जमा हुआ चेरी वृक्ष
मैं लिखना चाहती हूँ कुछ लहरदार सतरें
तुम्हारी काली बरौनियों -- पलकों के बारे में
अपनी उँगलियों की सलाइयों से
बुनना चाहती हूँ तुम्हारे बाल
खोजना चाहती हूँ तुम्हारे कंठ में फँसी हुई फाँस
जिससे मफ़लर की मानिन्द लिपटी हैं अस्फुट आवाज़ें
मैं चाहती हूँ कि
सितारों में घोल दूँ तुम्हारा नाम
रुधिर बनकर तुम्हारे भीतर बहना चाहती हूँ
संग-साथ रहने की साध भर नहीं
रात में भीगी हुई बारिश की बूँद सरीखी मैं
तुम्हारे भीतर लुप्त हो जाना चाहती हूँ
हाँ, ऐसा ही कुछ चाहती हूँ मैं
ऐसा ही लिखना चाहती हूँ
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सिद्धेश्वर सिंह