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मैं तुम्हें जब खोज लूँगा / विमल कुमार
Kavita Kosh से
मैं तुम्हे जब खोज लूँगा
अपने जीवन में कभी
तो ज़रूर चिल्लाऊँगा
कहूँगा --
आर्कीमिडिज की तरह
गली में दौड़ता हुआ
यूरेका..... यूरेका....... यूरेका.............
(कल फेसबुक पर मैंने तुमको देखा )