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मैं तुम से प्यार करता हूँ / निज़ार क़ब्बानी
Kavita Kosh से
मैं हर दिन तुम से तीस साल प्यार करता हूँ
जब मैं अपने जीवन के साथ
दौड़ता हूँ यह दौड़
तुम्हारे लिए यह समय बहुत कम लगता है
पल भागते जाते हैं
और उनका पीछा करते
न जाने क्यों लगता है मुझे
कि मैं कुछ स्थापित कर रहा हूँ
धरती की कोख में कुछ बो रहा हूँ
न जाने क्यों लगता है मुझे
कि जब मैं तुमसे प्यार करता हूँ
मानो अपने ही समय को परिवर्तित कर रहा हूँ ।