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मैं तुव पदतर रेनु रसीली / ललित किशोरी

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मैं तुव पदतर रेनु रसीली।
तेरी सरवरि कौन करि सकै प्रेममई मूरति गरबीली॥

कोटिहु प्रान वारनें करिकै उरिनि न तोसों प्रीति रँगीली।
अपनी प्रेम छटा, करुना करि दीजै दान दयाल छबीली॥

का मुख करौं बड़ाई राई, ललितकिसोरी केलि हठीली।
प्रीति दसांस सतांस तिहारी, मोमें नाहिन नेह नसीली॥