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मैं तेरा कर्ज़े मोहब्बत हूँ चुका ले मुझको / आरती कुमारी

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मैं तेरा कर्ज़े मोहब्बत हूँ चुका ले मुझको
ज़िंदगी भर के लिए अपना बना ले मुझको

चांदनी रात, ये सावन का सुहाना मौसम
ऐसे में आके सनम मुझसे चुरा ले मुझको

मुझसे नाराज़ न होना की मैं मर जाऊंगी
रूठ जाऊं तो सनम आके मना ले मुझको

मेरी दुनिया मेरा मसकन मेरी जन्नत तू है
मुझको सीने से लगा पास बुला ले मुझको

तुझ को महफूज़ बलाओं से रखूँ गी हर दम
अपना तावीज़ बना दिल से लगा ले मुझको

तू मेरा जाने जिगर तू मेरी अंतिम चाहत
रब से मांगा है तुझे तू भी मना ले मुझको

तुझ को चाहा, तुझे पूजा, किये सजदे मैने
'आरती ' हूँ मैं इबादत में जला ले मुझको