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मैं तेरी गैल चलूंगी हो जै मेरा कहण पुगावै / मेहर सिंह

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मैं तेरी गैल चलूंगी हो जै मेरा कहण पुगावै।टेक

गैल चलूंगी मेरे पिया करती कती समाई कोन्या
मेरे केसी दुनियां कै म्हां दुखिया और लुगाई कोन्या
मोड़ बांध कै ब्याह कै ल्याया करां कितै तै आई कोन्या।
देवर देवरानी जेठ जेठानी सब मारैं मेरे पै डाट
धरती कै म्हां क्यूकर सोज्यां सोवण नै ना मिलती खाट
दस सेर पक्का पड़ै पीसणा थारी चाकी के भार्या पाट
तेरी मां नै कोड करी सै हो मनै आधी रात जगावै।

मेरी दुरानी ऊत घणी वा हरदम राड जगावै सै
बात बात मैं हो मेरे पिया तेरा भाई लाठी ठावै सै
तेरा छोटा भाई आड़ै मनै कुछ भी कहकै बुलावै सै
सारे घर का काम करूं वा बैठी घरा पटरानी हो
फिर भी डाण टिकण ना देती भाई भतीजे खाणी हो
पायां कै म्हां जुती कोन्या फिरती कती उभाणी हो
इसा के खोट बता दे नै हो क्यूं माटी मेरी पिटवावै।

बरोणे कै म्हां आण कै बहोत घंणी दुःख पागी हो
सारा कुणबा मारै सै मेरी ज्यान मरण में आगी हो
तेरे छोटे भाई पै मारी थी वा चोट कसूती लागी हो
भका सिखा कै मनें पिटवावै देशां की बदकार हो
जै तू क्यांहे जोगा हो तै क्यूकर खा ल्यूं मार हो
मेरे करमां में कड़ै धरा था अनपढ़ मूढ़ ग्वार हो
जिस नै मिल्जया मूढ़ पति वा जीवते जी मर जावै।

हाथ जोड़ कै कहरी सूं एक मेरा कहण पुगाईये हो
तनै आछी नहीं लागती धड़ तै शीश उड़ाईये हो
इस कुकर्म तै आछी पिया न्यारी मनै बठाईये हो
देवर देवरानी जेठ जेठानी सब का कहण पुगाऊं मैं
तेरी माता के चरणां कै म्हां हरदम शीश झुकाऊं मैं
इस मैं मेरी गलती हो तै माफी तक भी चाहुं मैं
मेहर सिंह नगर बरोणा हो जिला रोहतक खास बतावै।