मैं तो सांवरे के रंग राची।
साजि सिंगार बांधि पग घुंघरू लोक-लाज तजि नाची॥
ग कुमति ल साधुकी संगति भगत रूप भै सांची।
गाय गाय हरिके गुण निस दिन कालब्यालसूं बांची॥
उण बिन सब जग खारो लागत और बात सब कांची।
मीरा श्रीगिरधरन लालसूं भगति रसीली जांची॥
मैं तो सांवरे के रंग राची।
साजि सिंगार बांधि पग घुंघरू लोक-लाज तजि नाची॥
ग कुमति ल साधुकी संगति भगत रूप भै सांची।
गाय गाय हरिके गुण निस दिन कालब्यालसूं बांची॥
उण बिन सब जग खारो लागत और बात सब कांची।
मीरा श्रीगिरधरन लालसूं भगति रसीली जांची॥