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मैं थक कर चूर होना चाहता हूँ / विजय वाते
Kavita Kosh से
मैं थक कर चूर होना चाहता हूँ|
मैं तुझ से दूर होना चाहता हूँ|
बहुत कुछ सह लिया है नर्म रहकर,
ज़रा मगरूर होना होना चाहता हूँ|
मैं उस छोटे सितारे की तरह ही,
तनिक मशहूर होना चाहता हूँ|
सभी मजबूर हैं दुनिया के हाथों,
मैं ख़ुद मजबूर होना चाहता हूँ|
"विजय" हमने कहा हैं ख़ुद से अक्सर,
मैं ख़ुद में नूर होना चाहता हूँ|