मैं नहीं हूँ
चिनार का
कोई नाज़ुक पेड़
कि हिल जाऊँगी
कैसी भी हवा से ।
मैं एक
अफ़गान औरत हूँ,
जिसके मायने सिर्फ़
चीत्कार से
समझ में आते हैं ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र
मैं नहीं हूँ
चिनार का
कोई नाज़ुक पेड़
कि हिल जाऊँगी
कैसी भी हवा से ।
मैं एक
अफ़गान औरत हूँ,
जिसके मायने सिर्फ़
चीत्कार से
समझ में आते हैं ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र