मैं पेड़ों में पत्तियों की तरह आता हूं / नीलोत्पल
मैं पेड़ों में पत्तियों की तरह आता हूं
मैं कहीं भी ठहरा नहीं
मैं चारों ओर से आता हूं
मैं पेड़ों में पत्तियों की तरह आता हूं
एक निराशा भी बची रहे
झर जाता हूं
मैं नहीं जानता उन हाथों के बारे में
जो मुझे छुएंगे
पर इतना तय है, गिरने के बाद हम
जख़्मी नहीं होंगे
मैं आता हूं सड़कों पर टहल रहे
आदमी की तरह
मैं नहीं जानता अपने घर का पता।
मैं खो चुका हूं अपने तमाम शब्द।
मैं बकता हूं अपना खोना
मुझे नहीं मालूम यह पृथ्वी
और कितने दिनों तक बचाए रखेगी
हमारे हिस्से का अनाज,
वे सच जिन्हें विस्थापित किया गया,
और वह भरोसा जो प्रेम के लिए जगह बनाता है
मैं अपने खोए सम्मान और जीवन में
नयी शुरूआत के लिए आता हूं
उफ! यह ज़मीन जहां लाशों को बहाया गया
मैं याद दिलाना नहीं चाहता
इन पैरों की जो भुल चूके हैं अपनी जड़े
ये पांव जो जा चूके हैं अपने से बाहर
जिन चोटों को हमने सहा और जिया
मैं उन्हें न दोहराने के लिए आता हूं
तपते भूखण्ड पर
जहां नहीं बचा है एक छांवदार कोना
जहां बारिश, जगह और वक़्त खोजती है
मैं बचा हुआ फूल भेंट करता हूं पृथ्वी को