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मैं भी इनसान हूँ ख़ुदा की क़सम / सुरेन्द्र सुकुमार

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मैं भी इंसान हूँ ख़ुदा की क़सम
मैं भी महान हूँ ख़ुदा की क़सम

मन्दिरों में किसे खोजते हो तुम
मैं ही भगवान हूँ ख़ुदा की क़सम

मैं यहाँ कुछ दिनों को आया हूँ
यहाँ मैं मेहमान हूँ ख़ुदा की क़सम

कोई नफ़रत करे कितनी ही मुझसे
इश्क़ का फ़रमान हूँ ख़ुदा क़सम

इश्क़ विश्क़ क्या है नहीं मालूम मुझे
मैं बहुत नादान हूँ ख़ुदा की क़सम