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मैं मिलूँगा / राजेश शर्मा ‘बेक़दरा’
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रह रह कर याद आएंगे…
ये क्षण…
रूठना मनाना...
हँसना हँसाना...
मैं मिलूँगा...
जरूर मिलूँगा
नम आँखों में
भीगे रूमालों में