Last modified on 29 अप्रैल 2015, at 15:24

मैं वो सुतारियारी बेटी, बखी थी वो बेन / मालवी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

मैं वो सुतारियारी बेटी, बखी थी वो बेन
इनी सेरिया हाटड़लो मत मांड, म्हारी ऐ बेन
छोड़ दो हटीला भेरू म्हारो फाटे वीर
फाटे म्हारो चीर, भेरूजी टूटे म्हारो हार
टूटे म्हारा बाजूबंद रा लू, म्हारी ऐ बेन
छोड़ दो काला-मतवाला, छोड़ दो कासी रा वासी