मैं समस्याग्रस्त इंसान / पूनम मनु
मैं समस्याग्रस्त इंसान
ऐसे समय में सुनाऊँगा
अपने दुख तुम्हें
जब तुम मुझसे प्रेम की बातें करोगी
जब तुम छूओगी मेरे हाथ
मैं तुम्हें अपनी पहली समस्या बताऊंगा
तुम्हारी प्रेमभरी सांत्वना पर
मैं सुनाऊँगा तुम्हें
अपनी बेहद थकाऊ ज़िंदगी के गीत
और बताऊंगा...
मेरी अधिक मेहनत पर भी
मेरा संघर्ष खत्म न होने की कथा...
मैं सुनाऊँगा तुम्हें
हर एक समस्या का उग आना कैसे हुआ मेरे जीवन में...
तुम वर्तमान में जीने को कहोगी
मैं अतीत के किस्से सुनाऊँगा
मैं तुम्हें मुझे छल गए लोगों के विषय में बताऊंगा
जब तुम डालोगी मेरी आँखों में आँखें
और चाहोगी ढूँढना अपने लिए 'कुछ'
तब मैं अपना सब खोना कहूँगा तुमसे
मैं इस आकाश, इस धरती
और पूरे ब्रह्मांड को साक्षी बनाकर कहता हूँ
मैं तुम्हारे इस खुशगवार पल में घोल सकता हूँ
कुछ ऐसा जो तुम्हें मेरे प्रति वितृष्णा से भर देगा...
जीवन के इस अनमने पल में
मैं चाहता हूँ कि तुम दूर रहो
दूर रहो!
कि मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता
सच कहता हूँ मैं।