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मैं हूँ तितली रानी / कमलेश द्विवेदी
Kavita Kosh से
मैं हूँ तितली रानी-मैं हूँ तितली रानी।
बहुत ध्यान से बच्चे सुनते मेरी मधुर कहानी।
बगिया-बगिया जाती हूँ।
फूलों पर मँडराती हूँ।
इठलाती-बलखाती हूँ।
अनगिन खेल दिखाती हूँ।
मुझे देखकर बच्चे दौड़ें, छोड़ें खाना-पानी।
मैं हूँ तितली रानी-मैं हूँ तितली रानी।
लाल-गुलाबी-नीले हैं।
हरे-बैगनी-पीले हैं।
कितने रंग-रँगीले हैं।
मेरे पंख सजीले हैं।
इन पंखों पर उड़कर मैंने सारी दुनिया जानी।
मैं हूँ तितली रानी-मैं हूँ तितली रानी।
बहुत दूर है मेरा घर।
चंदा-तारों भरा नगर।
जहाँ बसें परियाँ सुंदर।
जो नाचें-गायें दिन भर।
उसको साथ घुमाऊँगी जो करे नहीं शैतानी।
मैं हूँ तितली रानी-मैं हूँ तितली रानी।