भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मैं हूँ तेरा नाम-पता / विज्ञान व्रत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैं हूँ तेरा नाम-पता
जा अब ख़ुद को ढूढ़ के ला

मैं बरसों खामोश रहा
तू मिलता तो कुछ कहता

मैं तेरा अहसास रहा
मुझको ये एहसास न था

तब तक उसका जिक्र हुआ
जब तक मैं तहरीर न था

मैं घर का वो हिस्सा था
जिस पर सारा घर झगड़ा