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मैकी चक्कू का गीत / बैर्तोल्त ब्रेष्त / उज्ज्वल भट्टाचार्य

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शार्क के दाँत बड़े-बड़े
चेहरे पर साफ़ लिखा हुआ
मैकहीथ के पास है एक चक्कू
पर चक्कू जेब में छिपा हुआ ।

हाँ, शार्क के जबड़े होते लाल,
जब कभी वे ख़ून बहाते !
मैकी चक्कू पहनता दस्ताने
सारे जुर्म उसमें छुप जाते ।
 
इतवार की सुबह मिलती एक लाश
बन्दे का काम हो चुका तमाम,
मोड़ पर दिखा फिर वही शख़्स
मैकी चक्कू है उसका नाम ।
 
दम्भी मायर अब भी है ग़ायब
कुछ रईस भी जिनके पास था धन बहुत
मैकी चक्कू के पास अब वह धन है
लेकिन नहीं है कोई सबूत ।

जेनी टाउलर की लाश मिली
सीने में चक्कू धँसा हुआ,
गोदी पर टहलता मैकी चक्कू
बिल्कुल ही न फँसा हुआ ।
 
सोहो में भीषण आग़ लगी थी
एक बूढ़ा और सात बच्चे मरे
भीड़ में मैकी चक्कू खड़ा था, पर
कोई पूछा नहीं, सभी थे डरे ।
 
एक कमसिन बेवा होती थी
नाम उसका सबने बतलाया
फिर उसकी इज़्ज़त लुट गई —
मैकी, तुमने कितना कमाया ?
 
छोटी मछलियाँ ग़ायब होती रहीं
अदालत पूछे किसकी है खता
लोगों ने लिया शार्क का नाम
पर शार्क को कुछ भी न पता ।

और उसे कुछ भी याद नहीं
सज़ा उसे फिर कैसे मिले
शार्क कैसे शार्क कहलाए
सबूत ही जब हों ढीले ।

मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य