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मैया कैसी मनोहर गलिया सजी है / बुन्देली
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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मैया कैसी मनोहर गलियां सजी हैं
देखो सुनार लये, नथनी खड़ो हैं।
नथुनी में हीरे की कनियां लगी हैं। मैया...
देखो बजाज लये, चुनरी खड़ो है।
अरे चुनरी में गोटे की छड़ियां पड़ी हैं। मैया...
देखो माली लये, हार खड़ो है,
हार में चम्पे की कलियां लगी हैं। मैया...
देखो यात्री मोहन भोग लये हैं,
भोग में मिश्री की डरियां पड़ी हैं। मैया...