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मोक्ष हित साँवरे की लगन चाहिये / रंजना वर्मा

मोक्ष हित साँवरे की लगन चाहिए.
भक्ति के पंथ का अनुगमन चाहिए॥

दूसरों के लिये त्याग दे स्वार्थ को
विश्व के हित यही आचरण चाहिए॥

वृक्ष काटे नहीं सींच दे प्यार से
साँस लेने को शीतल पवन चाहिए॥

पी पपीहा पुकारे कुहू कोकिला
पर सुरक्षा उन्हें भी गहन चाहिए॥

तन रहे शुद्ध मन को भी पावन करें
नीर गंगा का ही आचमन चाहिए॥

फूल भी हों कई रंग खुशबू भरे
तितलियों से सजा एक चमन चाहिए॥

है धरा पर बची रोशनी ही नहीं
घर सजाने को सारा गगन चाहिए॥