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मोजिद ओ मुफक्किर कर दिया तू ने यह साबित / जोश मलीहाबादी

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मोजिद ओ मुफक्किर कर दिया तू ने यह साबित, ऐ दीलावर 'आदमी'
ज़िन्दगी क्या , मौत से लेता है टक्कर 'आदमी'

काट सकता है रके गर्दन से खंजर आदमी
लश्करो को रोन्द सकता है... आदमी