मोती बी.ए. / परिचय
जन्म तिथि: 01 अगस्त, 1919
पुण्यतिथि: 18 जनवरी, 2009
जन्म स्थान: ग्राम-बरेजी, डाकघर-तेलिया कला, जिला-देवरिया (उ.प्र.)
निवास स्थान: लक्ष्मी निवास, नन्दना पश्चिम, बरहज, देवरिया (उ.प्र.)
परिवार
पिता - श्री राधाकृष्ण उपाध्याय
माता - श्रीमती कौशल्या देवी
सहोदर भ्राता - श्री जगदीश नारायण मालवीय, डॉ. परमानन्द उपाध्याय
बहनें - सुश्री शान्ती देवी, कान्ती देवी
पत्नी - श्रीमती लक्ष्मी देवी उपाध्याय
पुत्र - जवाहर लाल उपाध्याय, भालचन्द्र उपाध्याय, अंजनी कुमार उपाध्याय
पुत्रियाँ - सुश्री उर्मिला देवी, शारदा देवी।
शिक्षा एवं शैक्षणिक उपाधियाँ
बरहज से हाई स्कूल, गोरखपुर से इण्टर मीडिएट तथा वाराणसी, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से एम.ए. (इतिहास), बी.टी. साहित्य रत्न।
सर्जनात्मक लेखन
1936 से 2000 तक हिन्दी, भोजपुरी, उर्दू तथा अंग्रेजी में गीत, गजल, कविता, निबन्ध, अनुवाद, आत्मकथ्य इत्यादि प्रकाशित/अप्रकाशित कुल मिलाकर पचास से अधिक रचनाएँ।
पत्रकारिता
1939 से 1943 तक अग्रगामी, आज, संसार, आर्यावर्त समाचार-पत्रों के सम्पादकीय विभाग में मूर्धन्य पत्रकार बाबूराव विष्णु पराड़कर तथा सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी शचीन्द्रनाथ सान्याल के साथ सम्पादकीय विभाग में सहायक के रूप में कार्य।
स्वाधीनता सेनानी
1943 में वाराणसी में चेतगंज थाना तथा सेण्ट्रल जेल में भारत रक्षा कानून के अन्तर्गत नजरबन्द।
सिने गीतकार एवं कलाकार
1944 से लेकर 1951 तक पंचोली आर्ट्स पिक्चर्स लाहौर, फिल्मिस्तान लिमिटेड, बम्बई, प्रकाश पिक्चर्स, बम्बई के गीतकार के रूप में ‘नदिया के पार’ (पुरानी, दिलीप कुमार, कामिनी कौशल), ‘कैसे कहूँ’, ‘साजन’, ‘सिन्दूर’, ‘रिमझिम’, ‘सुभद्रा’ इत्यादि अनेक फिल्मों में गीत लेखन। फिल्म ‘साजन’ का प्रसिद्ध गीत ‘हमको तुम्हारा ही आसरा, तुम हमारे हो न हो’ तथा ‘नदिया के पार’ के सभी गीतों का भोजपुरी में सर्वप्रथम लेखन - ‘कठवा के नइया बनइहे मलहवा’, ‘मोरे राजा हो, ले चल नदिया के पार’ इत्यादि गीतों के द्वारा फिल्मों में भोजपुरी भाषा के प्रवर्तक। पुनः 1984-85 में भोजपुरी फिल्म ‘गजब भइलें रामा’ ‘चम्पा चमेली’ ‘ठकुराइन’ इत्यादि में गीत लेखन एवं अभिनय। कुल मिलाकर बीस से अधिक फिल्मों में गीत लेखन।
आकाशवाणी तथा दूरदर्शन बम्बई, इलाहाबाद, लखनऊ, गोरखपुर से काव्य पाठ तथा अनेक स्वरचित लोक संगीतिकाओं का प्रसारण। अनेक कवि गोष्ठियों, कवि सम्मेलनों आयोजनों के माध्यम से काव्य पाठ एवं साहित्यिक रचनाओं का प्रचार प्रसार।
अध्यापन
1952 से 1980 तक श्रीकृष्ण इण्टर कालेज, बरहज में इतिहास, अंग्रेजी एवं तर्क शास्त्र के प्रवक्ता के रूप में प्रतिष्ठित। वर्ष 1978 में उत्तर प्रदेश शासन (शिक्षा विभाग) द्वारा ‘आदर्श अध्यापक’ पुरस्कार से सम्मानित। अध्यापन काल में विद्यार्थियों के लाभार्थ हाई स्कूल/जूनियर हाई स्कूल पोइट्री तथा अन्य अंग्रेजी कविताओं का हिन्दी में पद्यानुवाद।
साहित्यिक रचनाएँ
हिन्दी कविता में तेइस प्रकाशित तथा सात अप्रकाशित कविता पुस्तकें, हिन्दी गद्य में ‘इतिहास का दर्द’, निबन्ध एवं आत्मकथ्य का लेखन, भोजपुरी में पाँच प्रकाशित एवं दो अप्रकाशित पुस्तकें। उर्दू में पाँच प्रकाशित तथा एक अप्रकाशित पुस्तक, अंग्रेजी में दो प्रकाशित तथा एक अप्रकाशित कविता पुस्तक तथा अंग्रेजी में शेक्सपीयर के सानेट्स तथा पाँच अन्य लम्बी अंग्रेजी कविताओं तथा कई अन्य छोटी अंग्रेजी कविताओं का हिन्दी एवं भोजपुरी में पद्यानुवाद। अब्राहम लिंकन (अंग्रेजी नाटक) का भोजपुरी में अनुवाद, कालिदास कृत ‘मेघदूत’ (संस्कृत) का भोजपुरी में पद्यानुवाद। इस प्रकार पचास से अधिक पुस्तकों का लेखन और अनुवाद। मोती बी.ए. ग्रन्थावली’ में सम्मिलित पुस्तकों के अतिरिक्त कुछ अन्य अप्रकाशित निबन्ध एवं कविताएँ अभी छपने के लिए शेष। भोजपुरी में सॉनेट एवं हाइकू विधा में लिखने वाले सर्वप्रथम रचनाकार।
सम्मान एवं पुरस्कार
दो दर्जन से अधिक सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त, जिसमें से कुछ प्रमुख हैं- उत्तर प्रदेश शासन द्वारा ‘समिधा’ पुस्तक के लिए राज्य साहित्यिक पुरस्कार (1973-74), उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा ‘आदर्श अध्यापक’ पुरस्कार (1978), उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ द्वारा राहुल सांस्कृत्यायन पुरस्कार (1984), हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा ‘भोजपुरी रत्न’ उपाधि (1992), ‘श्रुतिकीर्ति’ सम्मान (1997), विश्व भोजपुरी सम्मेलन, भोपाल द्वारा ‘सेतु’ सम्मान (1998), साहित्य अकादमी नई दिल्ली द्वारा भोजपुरी के लिए प्रथम ‘भाषा सम्मान’ (2001-02), ‘किसलय’ सम्मान (2005), ‘सरयूरत्न’ सम्मान (2005)