मोलड़ बता बता कै तेरा आत्मविष्वास खो राख्या सै।।
अन्नदाता कैह कैह कै घणा कसूता भको राख्या सै।।
उबड़ खाबड़ खेत संवारे खूब पसीना बहाया रै
माटी गेल्यां माटी होकै नै भारत मैं नाम कमाया रै
तेरी मेहनत की कीमत ना कर्ज मैं डबो राख्या सै।।
किसान तेरी जिन्दगी का कई लोग मखौल उडाते
ये तेरी मेहनत लूट रहे तनै ए पाजी बी बताते
तेरी जमात किसानी सै जात्यां का जहर बो राख्या सै।।
जिस दिन किसानी देष की कठी होकै नारा लावैगी
उस दिन तसवीर कमेरे या जमा बदल जावैगी
तेरी कमाई का यो हिसाब अमीरां नै ल्हको राख्या सै।।
मजदूर तेरा साथ देवै तूं कड़वा लखावै मतना
दूसरां की भकाई मैं इसतैं दूरी बढ़ावै मतना
कहै रणबीर क्यं जात पै झूठा झगड़ा झो राख्या सै।।