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मोहन नन्दलाल / अंगिका लोकगीत
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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मोहन नन्दलाल मोहन नन्दलाल बरसाने बन आयो
बरसाने बन आयो हो लाल बरसाने बन आयो
मोहन नन्दलाल मोहन नन्दलाल बरसाने बन आयो
बरसाने की गूजरिया दधिया बेचे जाय बाटै भेटै कन्हैया
दधि दियो लुटाय बैठे कदम के छईया
बैठे ग्वाल बाल बाटैं दोना दोना
मोहन नन्दलाल मोहन नन्दलाल बरसाने बन आयो
होली खेले साँवरों आपन ससुराल हाथ लिये पिचकारी
रंग छोड़ै गुलाल रंग गए अटै अटारी
रंग गए चौपाल भिज गए सारी सरोजा
बादल भए लाल लाल थार जमुना के
मोहन नन्दलाल मोहन नन्दलाल बरसाने बन आयो
इन्द्र कोप बरसा भयो हरि गयो पताल डूबत ब्रज को राख्यो
जसोदा के लाल बेला फुलै चमेला
चम्पा फूल लाय हरवा गुथै मलनिया
माला पहिराय नन्द बाबा के अँगना
मोहन नन्दलाल मोहन नन्दलाल बरसाने बन आयो