♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
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मोहे धानी चुनरियाँ मंगाय दो पिया।
धानी चुनरी खों देख अगर सासो जलें,
उन सासो को धीरज बंधा दो पिया। मोहे...
मोरी चुनरी खों देख अगर जिठनी जलें,
उन जिठनी को न्यारो करा दो पिया। मोहे...
धानी चुनरी खों देख अगर ननदी जलें,
उन ननदी खों गोनों करा दो पिया। मोहे...
मोरी चुनरी खों देख अगर छोटी जले,
उन छोटी को मायके भिजा दो पिया। मोहे...