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मौत की मुस्कराहट / हरकीरत हकीर
Kavita Kosh से
रात वह फिर आई ख़्वाब में
चुपके से रख गई
कुछ लफ़्ज़़ झोली में
मैंने देखा
मौत की मुस्कराहट
कितनी हसीं थी...!!