गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 6 अप्रैल 2011, at 02:02
मौत को पढ़ रही है ज़िन्दगी / केदारनाथ अग्रवाल
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
केदारनाथ अग्रवाल
»
आग का आईना
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
मौत को पढ़ रही है ज़िन्दगी
जो मर गई है
अमरीकी अनाज पा कर
कर्ज़ का जाज बजा कर
(रचनाकाल : 19.10.1967)