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मौसम / रामदरश मिश्र
Kavita Kosh से
पेड़ पर बैठी हुई चिड़िया
जब गाते-गाते एकाएक रुक गयी
और बिना फल के बोझ के ही
डाल
एक बार काँपी और झुक गयी
तो मुझे लगा कि मौसम बदल रहा है।