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म्याऊँ म्याऊँ छम / अनवारे इस्लाम
Kavita Kosh से
दाल भात रोटी
बिल्ली बडत्री मोटी,
चौके में बैठी
बाँध के लँगोटी।
म्याऊँ-म्याऊँ छम
सब कुछ हज़म!
कुर्सी के पीछे
टेबिल के नीचे,
पंजे से बिल्ली
चुहिया को खींचे
म्याऊँ-म्याऊँ छम
चुहिया हजम!
खा-पी के बिल्ली
पहुँच गई दिल्ली,
भूल गई रस्ता
खूब उड़ी खिल्ली
म्याऊँ-म्याऊँ छम
कुछ नहीं गम!