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म्हारौ गांम / दीनदयाल शर्मा
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दादी रा गीत
मा री लोर्यां
टाबरां री
लुकमीचणी
अर
दिन ढळतांईं
गुवाड़ में बैठ्या
अल्लादीन ताऊ
करम सिंह चाचा
अर मोडू भाईजी री
लूंठी दोस्तीआळौ
म्हारौ गांम
कठीनै चल्यौ गयौ
कोई बताद्यौ मन्नै
कै
म्हारै गांम रै
मिनखां रै
कांईं हुग्यौ।