भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

यंत्रणा / उंगारेत्ती

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: उंगारेत्ती  » संग्रह: मत्स्य-परी का गीत
»  यंत्रणा

यंत्रणा है

प्यासे पाखियों की तरह

मरना मरीचिका में


या जैसे

समुद्र पार कर लेने के बाद

बटेर में नहीं रह जाती

उड़ने की आकांक्षा


अन्धे कर दिए गए

गोल्डफ़िंच पक्षी की तरह

विलाप करते हुए

मैं ज़िन्दा नहीं रहना चाहता ।