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यशोमति अद्भुत लेखल, बालक देखल रे / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

यशोमति अद्भुत लेखल, बालक देखल रे
सुन्दर हुनकर गात, कि बात पकठोसल रे
कंस केँ जी थर-थर काँपय, अपन घर पहुँचल रे
पूतना केँ देल विचार, जाहु तोहें गोकुल रे
पूतना थन विष लेल घोरि बिदा भेल गोकुल रे
घर सौं बहार भेली यशुमती, बालक लइली रे
ललना रे, देलनि पूतनाकेँ कोर, बालक बड़ सुन्दर रे
पूतना दूध पिआओल, आओर विष पसारल रे
हरि देलनि दसन बइसाइ, खसल मुरछाई रे