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यहाँ ये हादसा अक्सर न होगा / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
यहाँ ये हादसा अक्सर न होगा।
हमेशा ही यहाँ पतझर न होगा॥
भरोसा ये रखो दिल में सदा ही
कि कुछ इससे तो अब बदतर न होगा॥
चले आओ हमारी ज़िन्दगी में
कोई अब दूसरा अवसर न होगा॥
बुझा दे प्यास जो बढ़कर किसी की
कहीं ऐसा कोई सागर न होगा॥
बिना झिझके डगर पर पाँव रख दो
कोई रब से बड़ा रहबर न होगा॥