Last modified on 2 फ़रवरी 2009, at 14:33

यह आपकी ग़लत मांग है कवि से / वेणु गोपाल

यह
आपकी ग़लत मांग है
कवि से

कि वह ख़रीदकर
शराब पिए

ज़िन्दगी के बारे में
कुछ कहने से पहले
ज़िन्दगी जिए

वरना चुपचाप रहे
होंठ सिए

आख़िर कवि है वह
और कसूर आपका है
कि आप ही ने बता रखा है उसे

कि वह वहाँ पहुँच सकता है
जहाँ रवि नहीं पहुँच सकता।