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यह उदास होने का समय नहीं है / ललन चतुर्वेदी

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एक नायिका की तस्वीर को
हजारों लोग 'लाइक' कर चुके हैं
तरह-तरह के इमोजी चस्पा हो चुके हैं।
एक निहायत भद्दा पोस्ट पर
कमेंट का रुक नहीं रहा है सिलसिला
शेयर किया जा रहा है लगातार।
एक बौद्धिक शख्स
शरीफों को रोज गालियाँ बककर
सुर्खियाँ बटोर रहा है।
और कुछ लोग
बौद्धिक जुगाली में व्यस्त हैं
अति उत्साह में हैं कि
अपने विचारों से बदल देंगे दुनिया।
कुछ लोग आज भी
इस आभासी दुनिया से बाहर
सौन्दर्य की तलाश कर रहे हैं
उनका मानना है कि
धीरे-धीरे लोग लौट जायेंगे
सही रास्ते पर
आमने-सामने एक-दूसरे को देखकर
मुस्करायेगे और गले मिलेंगे।
किताब की दुकानों में रौनक लौटेगी
खरीदेंगे लोग किताबों के साथ जिल्द
पढ़ेंगे और रखेंगे सुरक्षित बच्चों के लिए भी
फिर से लोग सुनेंगे महेन्द्र मिश्र के गीत
फिर से प्रकट होंगे भिखारी ठाकुर
इतिहास स्वयं को दोहराता है
क्यों निराश हुआ जाए
कविते! अभी उदास होने का समय नहीं है।