भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

यह कागज का पन्ना है / कौशल किशोर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

यह काग़ज़ का पन्ना है
इससे बच्चे बना सकते हैं
हवाई जहाज
वे जा सकते हैं
अपने सपने की
सबसे ऊँची उड़ान पर
वे कर सकते हैं
दुनिया कि सबसे लम्बी यात्रा

यह काग़ज़ का पन्ना है

हम सोचते हैं
बच्चे कर डालते हैं
इससे वे बना सकते हैं नाव
उस पर सवार
इरादों के पाल के सहारे
वे पहुँच जायेंगे
उन लोगों के पास
जो घिरे हैं बाढ़ से
कट गयी है उनकी ज़िन्दगी सबसे
बच्चे लायेंगे उन्हें
जिन्दगी में वापस

यह काग़ज़ का पन्ना है

लड़की जो पार्क में बैठी है
वह इस पर लिख सकती है
अपने प्रिय को पत्र
उसकी कल्पना में
क्या उमड़-घुमड़ रहा है
वह लिख सकती है
अपनी मधुर याद
मौसम के बारे में
रात और दिन के बारे में
अपनी इच्छाओं, खयालों के बारे में
कब होगा मिलना
वह लिख सकती है यह सब
वह बना सकती है चित्र
जो उसके दिमाग़ में है
उकेर सकती है भविष्य का घरौंदा

यह काग़ज़ का पन्ना है
यह कोरा पन्ना नहीं है।