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यह घर / दिनेश्वर प्रसाद
Kavita Kosh से
यह घर भूतों का डेरा है ।
यह घर साँपों का बसेरा है ।
इस घर पर गीध बैठ जाते हैं ।
लो, यह बारूद लो,
इस घर को गिरा डालो ।
मत समझो, बेघर रह जाओगे ।