यह देखि धतूरे के पात चबात औ गात सों धूलि लगावत है।
चहुँ ओर जटा अंटकै लटके फनि सों कफनी पहरावत हैं।
रसखानि गेई चितवैं चित दे तिनके दुखदुंद भाजावत हैं।
गजखाल कपाल की माल विसाल सोगाल बजावत आवत है।
यह देखि धतूरे के पात चबात औ गात सों धूलि लगावत है।
चहुँ ओर जटा अंटकै लटके फनि सों कफनी पहरावत हैं।
रसखानि गेई चितवैं चित दे तिनके दुखदुंद भाजावत हैं।
गजखाल कपाल की माल विसाल सोगाल बजावत आवत है।